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Sweden Stockhome Report: दुनियाभर में भू-राजनैतिक तनाव बढ़ने के साथ-साथ पिछले साल के दौरान कई देशों के, परमाणु आयुधों में बढ़ोतरी हुई, और अन्य परमाणु ताकतों ने अपने हथियारों का आधुनिकीकरण जारी रखा. यह जानकारी सोमवार को शोधकर्ताओं ने दी है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन बहुत तेजी से परमाणु हथियार बना रहा है। पिछले कुछ समय से चीन के साथ कई देशों का तनाव बढ़ गया है। चीन से सटी भारत की सीमा पर लगातार तनाव देखने को मिल रहा है। इसी बीच एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें भारत, पाकिस्तान और चीन समेत कई देशों के परमाणु हथियारों के जखीरों के बारे में बताया गया है। हालांकि, भारत और पाकिस्तान ने भी पिछले एक साल में परमाणु हथियारों की संख्या को बढ़ाया है।

चीन ने बढ़ाया अपना बेड़ा

वर्तमान में संख्या 1980 के दशक के दौरान देखी गई 70,000 से अधिक है। इस पर स्मिथ ने कहा कि इस समय भंडार में जितने हथियार है वो प्रयोग करने योग्य हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने अपने हथियारों के बेड़े में सबसे ज्यादा वृद्धि की है। इसके भंडार में 350 हथियार थे, जो अब 410 की संख्या पर पहुंच गए। 

अमेरिका के पास हथियारों का 90 प्रतिशत हिस्सा 

वहीं, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया ने भी अपने हथियारों के भंडार में वृद्धि की है। रूस की संख्या 4,477 से बढ़कर 4,489 हो गई, जबकि शेष परमाणु शक्तियों ने अपने शस्त्रागार की संख्या को बरकरार रखा। रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के पास अभी भी सभी परमाणु हथियारों का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा है।

इन देशों से पीछे भारत

भारत के परमाणु हथियार चीन और पाकिस्तान दोनों से कम हैं। भारत के पास चीन के आधे से भी कम परमाणु हथियार हैं। सिप्री की रिपोर्ट के मुताबिक, 86 नए हथियारों में से लगभग भारत के पास चार, पाकिस्तान के पास 5 और चीन के पास करीब 60, उत्तर कोरिया के पास 5 और रूस के पास 12 परमाणु हथियार हैं। 

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