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इम्फाल: मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर पिछले 53 दिनों से हिंसा जारी है। शनिवार को ईस्ट इंफाल में सेना ने ऑपरेशन चलाकर प्रतिबंधित संगठन कांगलेई यावोल कन्ना लुप (KYKL) के 12 कैडर्स को पकड़ा था। लेकिन सैकड़ों महिलाओं के विरोध के बाद इन्हें छोड़ना पड़ा। भारतीय सेना के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि कांगलेई यावोल कन्ना लुप (केवाईकेएल) एक मैतेई उग्रवादी समूह है। कई हमलों में उसका नाम सामने आया है। सूचना मिली थी कि इथम गांव में आतकंवादी छिपे हुए हैं। इसी को लेकर, शनिवार को इथम गांव में पूरे दिन गतिरोध चलता रहा। गांव में केवाईकेएल के करीब एक दर्जन आतंकी छिपे हुए थे, जिसमें स्वयंभू लेफ्टिनेंट कर्नल मोइरांगथेम तंबा उर्फ उत्तम भी शामिल था। 

सेना ने स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की

सुरक्षाबलों ने भीड़ से कई बार अपील की, लेकिन उनपर कोई असर नहीं पड़ा। सेना अगर भीड़ पर कार्रवाई करती तो लोगों को भी नुकसान पहुंचता। इसलिए सेना ने KYKL के लोगों को गांव वालों को सौंप दिया और सिर्फ जब्त हथियार और गोला बारूद लेकर चली गई। इस घटना के बाद सेना ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे आर्मी के ऑपरेशन में सहयोग करें।

भीड़ ने खाद्य मंत्री का गोदाम फूंका, वाहनों में आग लगाई

भीड़ ने शनिवार को राज्य सरकार के खाद्य मंत्री एल सुसींद्रो मैतेई के एक निजी गोदाम और वहां खड़े वाहनों को आग लगा दी थी। हमला करने आई भीड़ ने मंत्री के घर में घुसने और इमारत को आग लगाने की भी कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को तितर-बितर किया। खाद्य मंत्री एल सुसींद्रो मैतेई ने पिछले हफ्ते अपने घर के बाहर एक बॉक्स लगाया था और हिंसा में शामिल लोगों से अपील की थी कि वे अपना हथियार इसमें जमा कर दें।

राज्य में जातीय हिंसा में 120 लोग मारे गए, 3 हजार से ज्यादा घायल

मणिपुर में जातीय हिंसा में अब तक 120 लोग मारे जा चुके हैं। 3 हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। शनिवार सर्वदलीय बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया को राज्य की स्थिति संभालने के लिए 40 IPS अधिकारी और 36 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। 20 मेडिकल टीमें भेजी गई हैं।

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