Varanasi News : वाराणसी जिला एवं सत्र न्यायालय में बुधवार को ज्ञानवापी-शृंगार गौरी मामले की सुनवाई हुई। मां शृंगार गौरी वाद में चारों महिलाओं की तरफ से पुरातत्विक व वैज्ञानिक सर्वेक्षण के आवेदन पर सुनवाई होनी थी। जिस पर अंजुमन इंतजामिया ने आपत्ति के लिए समय मांगा। अंजुमन इंतजामियां की आपत्ति को देखते हुए कोर्ट ने 14 जुलाई को मामले की सुनवाई की तिथि निर्धारित की है। मुकदमे में पहली बार यूनियन ऑफ इंडिया के तरफ से शासकीय अधिवक्ता उपस्थित हुए। उसी दिन (14 जुलाई) केंद्र सरकार के वकील अमित श्रीवास्तव से भी केंद्र का पक्ष रखने के लिए कहा गया है।

दिसंबर 2022 की याचिका पर मई में फैसला
ज्ञानवापी से जुड़े शृंगार गौरी वाद की महिला वादियों (रेखा, सीता, मंजू, लक्ष्मी) ने पिछले साल दिसंबर में जिला जज की कोर्ट में एप्लिकेशन देकर 7 मामलों की सुनवाई एक साथ, एक ही कोर्ट में करने की मांग की थी। इसमें 6 सिविल जज सीनियर और किरन सिंह विसेन का एक केस 712/2022 भगवान आदि विश्वेश्वर केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा था।
इस केस पर जिला जज की अदालत ने 17 अप्रैल को आदेश पारित किया था कि उनकी कोर्ट में सभी 7 मामलों की फाइलों को रखा जाए। 17 अप्रैल को कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार 6 सिविल कोर्ट और एक फास्ट ट्रैक कोर्ट से सभी 7 याचिकाओं को निकाल एक साथ जिला जज के सामने रखा गया।