Varanasi News : पहाड़ी इलाकों में हो रही झमाझम बरसात ने मैदानी इलाकों के नदियों में उफान ला दिया है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार वाराणसी में गंगा का जलस्तर 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है जो सुबह 8 बजे तक 65.45 मीटर था। पुलिस प्रशासन द्वारा घाटों को चौकसी बढ़ा दी गई हैं। इस बाढ़ से सहायक नदी वरुणा में पलट प्रवाह से तटवर्तियों में हड़कंप मचा हुआ है।

वाराणसी में आने वाले पर्यटक अब गंगा में नौका विहार नहीं कर पाएंगे। क्योंकि वाराणसी में नौका संचालन पर अस्थाई रोक लगा दी गई है। यह निर्णय शनिवार को जल पुलिस ने नाविकों के साथ बैठक के बाद लिया। जल पुलिस प्रभारी मिथिलेश यादव के अनुसार, हर साल जलस्तर 65.5 मीटर मीटर होने पर पूरी तरह से नौका संचालन पर रोका लगा दी जाती है। सभी नाविकों को हिदायत दी गई है कि कोई भी नाविक पर्यटकों को बैठाकर नौका विहार नहीं कराएगा। वहीं नाविकों का कहना है कि हम लोग खुद अब किसी भी पर्यटक को नहीं बैठा रहे हैं। क्योंकि गंगा में प्रवाह काफी तेज हो गया है।
सीढ़ियों पर किया जा रहा शवदाह
मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह अब सीढ़ियों पर किया जा रहा है। वहीं, मीरजापुर में जलस्तर में वृद्धि की दर बढ़ी और यह तीन सेमी प्रति घंटा की जगह 4.75 सेमी प्रति घंटा हो गई है। वहां पानी 70.90 मीटर पर था। इससे माना जा रहा है कि रविवार शाम तक वाराणसी में भी गंगा का जलस्तर वृद्धि की रफ्तार बढ़ सकती है।
चौथी बार बदला गया आरती स्थल

गंगा का जलस्तर वाराणसी में प्रति घंटा एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। ऐसे काशी में होने वाली विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती का स्थान चौथी बार बदला गया और अब गंगा आरती सीढ़ियों पर सम्पादित कराई जा रही है। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि गंगा में आरती स्थल लगातार चौथी बार बदला गया है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष गंगा आरती छत पर कराई गई थी।
छलांग लगाकर स्नान करने पर रोक
अस्सी घाट स्थित नाव चलाने वाले अज्जू ने कहा कि गंगा मां का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। अब आगामी 2 से 3 माह तक हम लोगों को नाव चलाने में दिक्कतें होंगी। हम लोगों को अब और भी चौकन्ना रहना होता है। क्योंकि जैसे-जैसे गंगा का जलस्तर बढ़ता है। हमें अपने नाव को उसी हिसाब से बांधना पड़ता है। जल पुलिस प्रभारी ने बताया कि पीएसी बाढ़ राहत बल के माध्यम से छलांग लगाकर स्नान करने पर रोक लगाई गई है। जल स्तर में बढ़ाव को देखते हुए पब्लिक एड्रेस सिस्टम के साथ-साथ लाउड हेलर का प्रयोग करते हुए स्नान करने वालों को सचेत किया जा रहा है। ताकि इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।