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Varanasi : वाराणसी के रामनगर में मंगलवार को माता पिता की डांट से क्षुब्ध कक्षा 6 की 12 साल की छात्रा ने खुद को कमरे में बंद कर आत्महत्या कर ली। छात्रा ने पंखे के कुंडे से फंदा लगाकर फांसी लगा ली। मासूम के आत्मघाती कदम से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। लड़की की मां बेसुध है क्योंकि मां की डांट के बाद ही लड़की ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था, सूचना पाकर रामनगर थाने की पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।

स्कूल न जाने पर मां ने सुनाई थी डांट

प्रयागराज के मांडा के मूल निवासी संजन पांडेय अपनी पत्नी सुधा पांडेय और दो बेटी और एक बेटे के साथ पिछले 18 महीने से रामनगर के बघेली टोला में किराय के मकान में रह रहे हैं। संजन ने बताया कि वो पशु आहार फैक्ट्री में भूसी सप्लाई का काम करते हैं। संजन मंगलवार को सुबह दोस्तों के साथ विंध्याचल दर्शन करने चले गए थे। इसके बाद स्कूल जाने को लेकर छोटी बेटी रुचि (12 ) आनकानी करने लगी इसपर मां सुधा ने उसे डांट दिया। इसपर रूचि ने खुद को कमरे के अंदर बंद कर लिया।

काफी देर होने के बाद परिजनों ने आवाज लगाई और पड़ोसियों को भी बुलाया। मां के बहुत खटखटाने के बाद भी रुचि ने दरवाजा नहीं खोला तो सुधा ने यह बात अपने पति संजन को बताई।  बाद में कटर लाकर दरवाजा काटा गया। कमरे में देखा तो रुचि फंदे से लटक रही थी। आनन-फानन में कुंडी तोड़कर उसे उतारा, पुलिस को भी सूचना दी। 

आक्रामकता के कारण को पहचानना जरूरी

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रश्मि सिंह ने कहा कि मौजूद परिवेश में प्रत्येक बच्चे के हाथ में मोबाइल होने के कारण वह आभासी दुनिया से बहुत ही प्रभावित रहते हैं। बच्चों के मन के भीतर की आक्रामकता के कारण को पहचानना जरूरी है। इसके लिए उनसे लगातार संवाद बनाए रखना चाहिए। अगर बच्चे के मन में किसी बात को लेकर गुस्सा या परेशानी है तो उसकी भावनाओं को समझते हुए उसका समाधान करना चाहिए।

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