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वाराणसी। धर्म व आध्यात्म की नगरी काशी (kashi) में शनिवार से पुष्करम मेला (Ganga Pushkaram 2023 ) की शुरूआत हुई। तेलुगू भाषी श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। इसे दोनों संस्कृतियों के संगम के रूप में देखा जा रहा है। इसको लेकर प्रशासन के साथ ही एनडीआरएफ मुस्तैद है। एनडीआरएफ के जवान गंगा में निगरानी कर रहे हैं। वहीं तेगुलू भाषा में अनाउंसमेंट कर दक्षिण भारतीय मेहमानों को सचेत कर रहे हैं। 

काशी में पिछले साल दिसंबर माह में काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Samgamam) का आयोजन किया गया था। एक माह तक चले आयोजन में तमिलनाडु से विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां बीएचयू पहुंची और संस्कृति, कला का आदान-प्रदान हुआ। इसी तर्ज पर पुष्करम का आयोजन किया जा रहा है। वाराणसी (Varanasi) में तेलुगू (Telugu) भाषी राज्यों आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) और तेलंगाना (Telangana) के लाखों श्रद्धालु जुट रहे हैं। काशी के विभिन्न घाटों (Ghats of Kashi) पर यह मेला तीन मई तक चलेगा। ऐसे में काशी के मंदिरों और घाटों पर पुष्करालु मेले में आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस (Varanasi Police Commissionerate) अलर्ट है

श्रद्धालु मां गंगा के स्नान के साथ बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करेंगे। इसके अलावा विशालाक्षी मंदिर, संकटमोचन, काल भैरव मंदिर, मां कुष्मांडा देवी मंदिर (दुर्गाकुंड), महामृतुंजय मंदिर, केदारेश्वर मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे। बता दें कि पुष्करालु मेले का आयोजन इससे पहले वर्ष 2011 में वाराणसी में किया गया था। वर्ष 2011 में मेले में अनुमान से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे थे। ऐसे में वर्ष 2023 में होने वाले पुष्करालु मेले में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो इसको लेकर पहले से ही इंतजाम किए गए हैं। 

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