Spread the love

वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में देश का पहला ट्रांसजेंडर सेल खुलने जा रहा है। यह सेल ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों के अधिकार व सामाजिक न्याय के लिए काम करेगा। कुलाधिपति व राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की पहल पर वर्तमान सत्र से इसकी शुरुआत होगी। काशी विद्यापीठ में अब ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों को शैक्षणिक माहौल के साथ ही सामाजिक जीवन में आने वाली समस्याओं से निजात मिलेगी। वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, भदोही और सोनभद्र के संबद्ध 350 महाविद्यालयों में भी सेल की शाखाएं खोली जाएंगी। ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों के कॅरियर और विकास के लिए सेल योजनाएं भी तैयार करेगा। नई शिक्षा नीति के तहत स्किल डेवलपमेंट के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी सहायक होगा। पिछले साल विश्वविद्यालय में दो ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों ने दाखिले के लिए आवेदन किया था। पहले छात्र प्राइवेट परीक्षा में शामिल होते थे।

सामाजिक न्याय के लिए जेंडर न्याय जरूरी
समाज कार्य विभाग के आउटरीच निदेशक प्रो. संजय ने बताया कि बताया कि ट्रांसजेंडर विद्यार्थी सामाजिक भय व शोषण के डर से अपनी पहचान छिपा कर रखते हैं। वर्तमान में लगभग 15 ट्रांसजेंडर विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। सामाजिक न्याय पर काम करना चाहते हैं तो जेंडर न्याय सबसे बड़ा मुद्दा है। जब सामाजिक न्याय की बात आती है तो हम दलित और आदिवासी पर बात करते हैं, लेकिन ट्रांसजेंडर पर कोई बात नहीं होती है। सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए जेंडर न्याय बहुत जरूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *