वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग के साइंटिफिक सर्वे और कॉर्बन डेटिंग के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए कोर्ट ने कहा- इस मामले में संभलकर चलने की जरूरत है। हाईकोर्ट के आदेश की बारीकी से जांच करनी होगी।
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की तरफ से वकील हुजेफा अहमदी ने यह याचिका दायर की। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और केवी विश्वनाथन की पीठ ने इसकी सुनवाई की। हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट में पहले ही कैविएट दाखिल कर चुका है।
ज्ञानवापी के तीन मामलों की सुनवाई अब 22 मई को होगी
वाराणसी कोर्ट में शुक्रवार को ज्ञानवापी से जुड़े तीन मामलों की सुनवाई हुई। पहले मामले में ज्ञानवापी परिसर के साइंटिफिक सर्वे वाली याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी को आपत्तियां दाखिल करनी थी, लेकिन किसी तरह की कोई आपत्ति दाखिल नहीं हुई।
मामले में कोर्ट ने 22 मई को सुनवाई की अगली तारीख दी है। दूसरा मामला ज्ञानवापी के सभी 7 केसों को एक साथ सुने जाने और उनका शेड्यूल तय करने को लेकर था। इसमें कोर्ट ने सुनवाई टाल दी। मामले की अगली सुनवाई 22 मई को होगी। वहीं, तीसरा मामला श्रृंगार गौरी केस के उत्तराधिकारी चुनने को लेकर था। कोर्ट ने इसमें भी 22 मई को सुनवाई की तारीख दी है।