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वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ( BHU ) और अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान ( IRRI ) के सहयोग से तैयार धान की उन्नत प्रजाति मालवीय मनीला सिंचित धान-1 की महक पाकिस्तान भी पहुंच चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार धान की उन्नत प्रजाति की मांग पाकिस्तान से एक किसान ने की है। किसान ने बीएचयू के कृषि वैज्ञानिक को वॉयस मैसेज भेजकर बीज मांगा। हालांकि, प्रोफेसर ने किसान को बीज देने से इंकार कर दिया है। प्रोफेसर ने किसान को इरी से मदद मांगने की सलाह दी है।

प्रोफेसर श्रवण कुमार ने बताया पूरा प्रकरण

मालवीय मनीला के शोध में मुख्य भूमिका निभाने वाले बीएचयू के जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग विभाग के प्रो. श्रवण कुमार ने बताया कि बीते छह जून को पाकिस्तान के किसान रिजवान खान का मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से फोन आया। व्यस्तता के कारण कॉल रिसीव नहीं कर सका। इसके बाद रिजवान ने वॉयस मैसेज कर मालवीय मनीला बीज की जानकारी मांगी। साथ ही बीज भी मांगा। प्रोफेसर ने बताया कि रिजवान को मैंने बता दिया कि अभी ये प्रजाति भारत के तीन राज्य यूपी, बिहार और ओडिशा के पर्यावरण के अनुकूल तैयार की गई है। इसकी रोपाई पाकिस्तान में संभव नहीं हैं।

इरी ( IRRI ) से बीज मांगने की सलाह

प्रो. श्रवण कुमार ने पाकिस्तान के किसान रिजवान खान को बताया कि मैं बीज सीधे उपलब्ध नहीं करा सकता। हां, अगर उन्हें फिर भी ये बीज चाहिए तो शोध में सहयोगी रहे अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान ( IRRI ) से मदद ले सकते हैं। इरी पूरे विश्व के लिए शोध करता है। इसके केंद्र पाकिस्तान में भी हैं।

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