Spread the love

वाराणसी: ज्ञानवापी के वजूखाने में गंदगी करने और नेताओं की बयानबाजी को लेकर निचली अदालत के आदेश के खिलाफ लंबित पुनरीक्षण याचिका पर शनिवार को अपर जिला जज विनोद कुमार सिंह (नवम) की अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तरफ से अधिवक्ता अनुज यादव और लखनऊ खंडपीठ के अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने वकालतनामा दाखिल किया। वहीं अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी व अन्य की तरफ से श्रीनाथ त्रिपाठी ने वकालतनामा दाखिल किया। सभी ने आपत्ति के लिए निगरानी याचिका की प्रति की मांग की। अब अदालत इस मामले में सात जुलाई को सुनवाई करेगी।

अखिलेश और ओवैसी ने धार्मिक भावनाएं आहत करने वाला दिया था बयान

सिविल कोर्ट के एडवोकेट हरिशंकर पांडेय का आरोप है कि वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग को लेकर अखिलेश यादव और ओवैसी ने धार्मिक भावनाएं आहत करने वाला बयान दिया था। अखिलेश यादव कहा था, “पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख कर झंडा लगा दो तो वही भगवान और शिवलिंग हैं। जबकि असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था, ” हम अब किसी और मस्जिद को खोने नहीं देंगे, ज्ञानवापी फैसला पूजा स्थल अधिनियम 1991 के खिलाफ है। ये भविष्य में ऐसे बहुत से मसलों को खोल देगा, देश में अस्थिर प्रभाव पैदा कर सकता है।”

निचली अदालत ने खारिज की थी याचिका

हरिशंकर पांडेय की इस याचिका को निचली अदालत ने खारिज कर दिया था। इसलिए जिला ज्जा अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में निगरानी याचिका दाखिल की है। इसपर जिला जज के आदेश के बाद अपर जिला जज नवम विनोद कुमार सिंह सुनवाई कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *