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वाराणसी में भीषण गर्मी की मार से हर कोई परेशान है। मौसम जानलेवा हो चुका है। आसमान से आग उगलते धूप का प्रकोप इतना विकराल हो गया है कि अब लोगों की जान भी जाने लगी है। 15 दिनों से हीटस्ट्रोक, हीटवेव, उमस और धधकती धूप ने काशीवासियों को बेहाल कर रखा है। वहीं घर के अंदर रखी चीजें उबल-भुन जा रहीं हैं। कमरे में बिस्तर, कुर्सियां, टेबल और लैपटॉप आदि भी हीट जनरेट करने लगे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कमरे के अंदर चल रहे पंखे की हवा से भी हीट स्ट्रोक हो सकता है। अब स्थिति काफी खराब हो चुकी है। मुश्किल ये है कि आसमान से बरस रही आफत से अभी राहत के कोई आसार नहीं है।

आज सोमवार सुबह में झुलसाती हुई धूप निकली है। सुबह का तापमान भी 38 डिग्री पर पहुंच गया है। बीती रात 17 KM/h की रफ्तार से हवा चली अधिकतम तापमान 43.4 डिग्री सेल्सियस रहा। रविवार को मौसम वैज्ञानिक एसएन पांडेय ने बताया कि एक दो दिन हीट वेव अभी चलने की संभावना है। इसके बाद मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। ज्यादा संभावना है कि 20 जून के बाद धूल भरी आंधी के साथ ही बूंदाबांदी भी हो। इसके साथ ही इसी महीने के अंतिम सप्ताह तक मानसून की दस्तक भी हो सकती है।

लापरवाही भारी पड़ सकती है

गर्मी व लू को देखते हुए अस्पतालों की इमरजेंसी में अलग वार्ड बनाए गए हैं। सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य महकमा अलर्ट पर है। मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा, दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल, शास्त्री अस्पताल रामनगर में 10-10 बेड के हीट स्ट्रोक वार्ड बनाए गए हैं। डॉक्टरों की सलाह पर लोगों को भर्ती किया जाएगा। इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर और विशेषज्ञ डॉक्टर लोगों की निगरानी करेंगे।ऑन कॉल विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे। सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी का कहना है कि पहले से बीमार लोगों, बच्चों, बुजुर्गों की सेहत पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। लापरवाही भारी पड़ सकती है।

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