Varanasi: वाराणसी में भोपाल से आए 108 डमरू वादकों की टीम ने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से बाबा की पालकी यात्रा निकाली तो भक्त भी भक्ति के भाव से सराबोर हो उठे। राजराजेश्वर के धाम से जब नाद ब्रह्म की चौखट का आशीष लेकर कीर्तन मंडली वाद्य यंत्रों की थाप पर झूमते हुए निकली तो हर कोई बस देखता ही रह गया। विश्वनाथ धाम से मां गंगा के तट तक ढोल नगाड़ों और झाल मजीरा की धुन पर हर-हर महादेव, जय-जय महाकाल का जयकारा लगाते हुए श्रद्धालुओं की टोली चल रही थी।

वही काशी में दूसरे सोमवार पर बाबा के दरबार में रात 12 बजे तक 6 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया है। अभी भी मंदिर में भक्तों की लाइन लगी हुई है। कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच श्रद्धालुओं का जोश हाई रहा। वहीं चित्रकूट में भक्तों पर पहली बार हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई है। DM अभिषेक आनंद और SP बृंदा शुक्ला ने रामघाट मंदाकिनी किनारे भक्तों पर फूल बरसाए।

13 दिन में बाबा विश्वनाथ का 24 लाख भक्तों ने दर्शन किया
भोपाल के बाबा बटेश्वर समिति से काशी आए युवा श्रद्धालुओं में से 1 श्रद्धालु श्रृंगी, 15 शंख, 25 डमरू, 70 झांझ-मजीरा, 1 पुनेरी ढोल, 1 नगाड़ा, 1 थाल घंटा, 4 छोटे घुंघुरू ढोल की बेहद मनमोहक प्रस्तुति दी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में इस सावन के 13 दिनों में 24 लाख से ज्यादा शिवभक्तों ने दर्शन किया है। इसमें 6 लाख श्रद्धालु अकेले सावन के पहले सोमवार को आए थे।

वहीं, इस सावन दो करोड़ भक्त काशी आकर बाबा का दर्शन कर सकते हैं। आज मंदिर में स्पर्श दर्शन और सुगम दर्शन स्थगित कर दिया गया है। जो भी दैनिक पास जारी किए गए हैं वे अमान्य रहेंगे। फूल-माला, छोटे पात्र में दूध/जल और मनी पर्स के अलावा सभी सामग्रियों का प्रवेश प्रतिबंधित है। मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक सामग्री, बड़े बैग, विस्फोटक पदार्थ/ आग्नेयास्त्र,कॉस्मेटिक सामग्री आदि प्रतिबंधित रहेगा।