Varanasi : गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी जारी है। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बरसात और गंगा बैराज से छोड़े गए पानी के कारण जलस्तर में निरंतर वृद्धि हो रहा है। हिलोर मारतीं गंगा की लहरों को देख श्रद्धालु और सैलानी सशंकित हैं। वाराणसी में सोमवार को जलस्तर बढ़ने के कारण चार घाटों का आपसी संपर्क टूट गया। अब शिवाला घाट से हनुमान घाट तक नहीं जाया जा सकता। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर आज सुबह 6 बजे तक 62.52 मीटर और 8 बजे तक जलस्तर 62.54 मीटर पहुंच चुका था। जलस्तर में एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ाव जारी है। 36 घंटे में गंगा के जलस्तर में सवा फीट की बढ़ोत्तरी हुई है।
डीएम बोले- राहत सामग्री और मेडिकल टीम है तैयार

वाराणसी के डीएम एस राजलिंगम ने कहा, “बाढ़ से बचाने की तैयारी पहले से ही शुरू कर दी गई है। सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करके राहत के इंतजामों का खांका खींच लिया गया है। राहत शिविरों का चिन्हिकरण हो गया है। बाढ़ के दौरान वितरित होने वाली राहत सामग्री को कलेक्ट कर लिया गया है। मेडिकल डिपार्टमेंट ने दवाईयों का इंतजाम करा लिया गया है। कंट्रोल रूम चालू है। गंगा में जलस्तर की माॅनिटरिंग लगातार की जा रही है। NDRF, SDRF और PAC की टीम तैयार है।
सहेजने लगे चौकियां, नाविक भी सतर्क
गंगा के जलस्तर में बढ़ाव को देखते हुए नाविक और तीर्थ पुरोहित सतर्क हो गए हैं। तीर्थ पुरोहितों ने अपनी चौकियां सहेजनी शुरू कर दी हैं। नाविक भी अपनी नावों को संभालने में लगे हैं। नौकाओं को तट से बांधी गई रस्सियों में जलकुंभिययों का ढेर एकत्र हो गया है।

सोमवार की रात में गंगा के बढ़ते हुए जलस्तर के कारण त्रिपुरा भैरवी से मीरघाट और हनुमान घाट से शिवाला घाट के रास्ते पर गंगा का पानी चढ़ने से रास्ता बंद हो गया। बावजूद इसके पर्यटक और स्थानीय लोग चौकी लगाकर आते-जाते नजर आए। हनुमान घाट और शिवाला घाट को जोड़ने वाले ढाल पर चढ़कर एक तरफ से दूसरी तरफ लोग जाते रहे। कुछ लोग फिसलकर गिरे भी। वहीं, ढाल को पार करने के लिए बांधी गई रस्सी को पकड़कर भी कई युवक-युवतियां नीचे उतर रहे थे। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा में अभी पानी और बढ़ने की आशंका है।

रत्नेश्वर महादेव के शिखर तक पहुंचा पानी
मणिकर्णिका घाट के पास स्थित रत्नेश्वर महादेव के शिखर तक गंगा का पानी पहुंच गया है। मंदिर का गर्भगृह और मंडप पानी में समा गया है। शीतला मंदिर तक पानी पहुंच चुका है। वहीं, जल्द ही अब दशाश्वमेध घाट का आरती स्थल भी बदला जा सकता है। हर घाट संकरे होने लगे हैं। घाटों की चौड़ाई काफी घट गई है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर वार्निंग लेवल 70.262 मीटर से 7.76 मीटर दूर है। वहीं, डेंजर लेवल 71.262 है। वाराणसी में 9 सितंबर, 1978 को गंगा का जलस्तर सबसे ज्यादा 73.901 तक पहुंच गया था।
कानपुर बैराज से छोड़ा गया 3 लाख क्यूसेक पानी
पहाड़ों पर बारिश की वजह से रविवार को नरौरा बांध से 2.11 लाख क्यूसेक और सोमवार को कानपुर बैराज से लगभग 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसलिए गंगा में पानी की मात्रा बढ़ने लगी है। इसके चलते प्रयागराज, मिर्जापुर और वाराणसी के साथ ही गाजीपुर और बलिया के कई क्षेत्रों में पानी बढ़ रहा है। गांवों में गंगा का पानी पहुंचने लगा है।