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Varanasi News : संतों का सानिध्य पाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर-संघचालक मोहन भागवत पांच दिवसीय काशी प्रवास पर मंगलवार की शाम वाराणसी पहुंचेंगे। संघ प्रमुख काशी समेत आसपास के जनपदों में भी प्रवास करेंगे। वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर में प्रवास के दौरान संतों से मुलाकात और संवाद करेंगे, मठ और मंदिरों में आशीर्वाद लेंगे। पांच दिवसीय प्रवास में संगठन, धर्म और सामाजिक समरस्ता के विषय केंद्र में रहेंगे। लंका स्थित विश्व संवाद केंद्र में रात्रि विश्राम करेंगे।

अपनी यात्रा के अंतिम दिन 22 जुलाई को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर सिगरा में आयोजित तीन दिवसीय मंदिर प्रमुखों के महासम्मेलन के शुभारंभ सत्र में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। इसमें दुनिया भर के 25 देशों के मंदिरों के प्रतिनिधि, महंत और मुख्य कार्यपालक अधिकारी शामिल होंगे।

800 वर्ष पुरानी है सिद्धपीठ हथियाराम मठ की परंपरा

यह जानकारी सिद्धपीठ के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर महंत भवानी नंदन यति महाराज ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में दी। पीठाधीश्वर ने बताया कि संघ प्रमुख का सिद्धपीठ में रात्रि प्रवास का मूल उद्देश्य यहां सिद्धिदात्री मां वृद्धिका से आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करना है। 800 वर्ष पुरानी है सिद्धपीठ हथियाराम मठ की परंपरा महंत भवानी नंदन यति महाराज ने बताया कि देश के प्रसिद्ध सिद्धपीठों में हथियाराम मठ भी है। साकार ब्रह्म के उपासक शैव समुदाय के हथियाराम मठ की परंपरा 800 वर्ष प्राचीन है।

तप से मानव कल्याण

इसका प्रमाण जनश्रुतियों व प्राचीन हस्तलिखित पुस्तकों में मिलता है। यहां की गद्दी परंपरा दत्तात्रेय व शंकराचार्य से प्रारंभ होती है। 800 वर्ष पूर्व जंगल में बेसो नदी के तट पर गुरुजन ने तपस्या की। पूर्व में मां की मूर्ति को मिट्टी के कच्चे चबूतरे पर स्थापित कर जनकल्याण के लिए पूजन-अर्चन करना शुरू किया। इनके तप से मानव कल्याण के लिए आज भी सिद्धपीठ में कच्चे चबूतरे में मां वृद्धिका मौजूद हैं, जहां अखंड ज्योति जलाई जाती है। लोकमान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से मां के दर्शन-पूजन करता है, वह खाली हाथ वापस नहीं जाता।

मिर्जापुर में भी जाएंगे भागवत

संघ प्रमुख मोहन भागवत 20 जुलाई को सक्तेशगढ़ स्थित आश्रम में स्वामी अड़गड़ानंद महाराज का आशीर्वाद लेंगे। मिर्जापुर में कार्यक्रम के दौरान 21 जुलाई को मिर्जापुर के विंध्याचल के पास स्थित देवरहा बाबा के आश्रम में देवरहा हंस बाबा का आशीर्वाद लेने जाएंगे। वे विगत वर्ष अक्तूबर में वाराणसी आए थे और मीरजापुर में माता विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन करने के अलावा देवरहा हंस बाबा आश्रम में 51 मन लड्डू का हनुमान मंदिर में भोग लगाया था।

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