Opposition Parties Meeting: विपक्षी एकता की दूसरे दिन की बैठक बेंगलुरु में शुरू हो गई है। 2024 के आम चुनाव में भाजपा को हराने के लिए विपक्ष के 26 दल एक साथ आ रहे हैं। बैठक चार बजे तक चलेगी। इसके बाद सभी दलों के नेता संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इससे पहले 23 जून को पटना में 17 पार्टियां विपक्षी एकता की पहली बैठक में शामिल हुई थीं।
लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस प्रधानमंत्री के पद की रेस में नहीं है. ये बयान मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार (18 जुलाई) को विपक्षी दलों की बेंगलुरु में चल रही मीटिंग के दूसरे दिन दिया है. खरगे ने कहा कि कांग्रेस को सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है. इस बयान के बाद राहुल गांधी के पीएम पद की रेस में होने की अटकलों को बड़ा झटका लगा है.
सोनिया गांधी या नीतीश कुमार को बनाया जा सकता है संयोजक
मंगलवार को होने वाली बैठक में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम, राज्यवार गठबंधन, सीट शेयरिंग के अलावा महागठबंधन के नए नाम पर चर्चा हो सकती है। सभी दलों के साथ कोऑर्डिनेशन के लिए एक संयोजक की नियुक्ति पर चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी या नीतीश कुमार में से किसी एक को संयोजक बनाया जा सकता है। सोनिया गांधी के नाम पर किसी भी दल को ऐतराज नहीं होगा, क्योंकि वो प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार नहीं होंगी।

यह बैठक संविधान, लोकतंत्र, सहिष्णुता और सामाजिक न्याय को बचाने के लिए – खरगे
बैठक के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ‘मैंने चेन्नई में भी कहा था कि कांग्रेस सत्ता की इच्छुक नहीं है और ना ही प्रधानमंत्री पद की। यह बैठक हमारे संविधान, लोकतंत्र, सहिष्णुता और सामाजिक न्याय को बचाने के लिए है। खरगे ने कहा कि हर संस्था को विपक्ष के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग का इस्तेमाल किया जा रहा है। हमारे नेताओं के खिलाफ झूठे आपराधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं ताकि वह कानूनी प्रक्रिया में फंसे रहे। संवैधानिक प्राधिकरण हमारे सांसदों को बर्खास्त करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। विधायकों को ब्लैकमेल किया जा रहा है या फिर उन्हें रिश्वत दी जा रही है ताकि सरकारों को गिराया जा सके।’
बीजेपी को अकेले नहीं मिली 303 सीटें- खरगे
सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आई है कि बेंगलुरु में संयुक्त विपक्ष की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ”हम यहां 26 पार्टियां हैं. हम सब मिलकर आज 11 राज्यों में सरकार में हैं. बीजेपी को अकेले 303 सीटें नहीं मिलीं हैं. उसने अपने सहयोगियों के वोटों का इस्तेमाल किया और सत्ता में आई और फिर उन्हें त्याग दिया. आज बीजेपी अध्यक्ष और उनके नेता अपने पुराने सहयोगियों से समझौता करने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य भाग-दौड़ कर रहे हैं.”
राहुल गांधी के लोकसभा चुनाव लड़ने पर पहले से ही संशय
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी करने के मानहानि मामले में गुजरात की एक स्थानीय कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी. इसकी वजह से राहुल गांधी को लोकसभा सदस्यता गंवानी पड़ी थी. इसके कुछ दिनों बाद ही कांग्रेस नेता से उनका सांसद आवास भी खाली करा लिया गया था. कांग्रेस ने निचली अदालत के इस फैसले को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिल सकी. इसके बाद अब राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की तारीख 21 जुलाई तय की है. अगर राहुल गांधी की याचिका पर फैसला उनके पक्ष में नहीं आता है तो लोकसभा चुनाव 2024 में उनका चुनावी मैदान में उतरना मुमकिन नहीं होगा.