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Varanasi News : वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण 28 अक्तूबर शरद पूर्णिमा को लग रहा है और यह भारत में भी नजर आएगा। ग्रहण के नौ घंटे पहले ही सूतक काल आरंभ हो जाएगा। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे और धार्मिक गतिविधियां भी नहीं होंगी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का कपाट चंद्र ग्रहण से 2 घंटे पहले बंद कर दिया जायेगा और मां अन्नपूर्णा मंदिर का कपाट रात्रि में बंद किया जाएगा। 28 अक्टूबर की रात श्रृंगार आरती के बाद गर्भ गृह की सफाई होगी। बाबा को एक बेल पत्र चढ़ाया जाएगा और मंदिर बंद हो जायेगा।

दोपहर ढाई बजे से शुरू होगी गंगा आरती

गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया की चंद्रग्रहण लगने की वजह से सूतक काल प्रभावी होगा जिसमें किसी भी प्रकार का धार्मिक कार्य नहीं किया जाता है। इसलिए धर्म की नगरी काशी में पिछले 32 वर्षों से हो रही संध्या गंगा आरती भी चौथी बार दिन में आयोजित होगी। काशी में गंगा सेवा निधि द्वारा और गंगोत्री सेवा समिति सहित अस्सी घाट पर होने वाली संध्या आरती दिन में ही कराई जाएगी। दैनिक गंगा आरती दोपहर ढाई बजे से शुरू होगी और 3 बजकर 30 मिनट तक चलेगी।

सुशांत मिश्रा ने बताया कि इससे पहले तीन बार चंद्रग्रहण के कारण आरती का समय बदला जा चुका है। पिछली बार 16 जुलाई 2019 को समय बदला गया था। उसके पहले 27 जुलाई 2018 और आठ अगस्त 2017 को गंगा आरती चंद्र ग्रहण के कारण दोपहर में की गई थी।

मध्यरात्रि में चंद्रग्रहण

28 अक्तूबर को लगने वाले चंद्रग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले आरंभ हो जाएगा। ग्रहण के स्पर्श, मध्य और मोक्ष के समय स्नान करना चाहिए।

स्पर्श 1:13 मिनट
मध्य 1:50 बजे

मोक्ष 2:27 बजे

वर्ष के अंतिम चंद्रग्रहण में मिथुन, कर्क, सिंह एवं मकर राशि वाले होंगे लाभान्वित।

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