Varanasi News : आस्था और विश्वास का महापर्व डाला छठ का चार दिवसीय पूजन कल नहाय-खाय के साथ शुरू हो रहा हैं। कार्तिक शुक्लपक्ष की चतुर्थी से लेकर सप्तमी तक छठ पर्व के विविध अनुष्ठान, नियम और संयम निभाए जाएंगे। वहीं लोगो ने छठी मइयां और भगवान भास्कर को मनाने के लिए आज से ही घाट को छेंकना शुरू कर दिया है। वाराणसी के अस्सी घाट पर लोग जगह जगह बेदी बनाते दिखाई दिए। ताकि वहां फल, फूल आदि सामग्री को रखकर पूजन कर सकें।

अस्ताचलगामी सूर्यदेव को पहला अर्घ्य 19 नवंबर को अर्पित किया जाएगा। वहीं, उगते हुए सूर्यदेव को 20 नवंबर को अर्घ्य देकर चार दिवसीय छठव्रत का समापन होगा। छठ पूजा को तो पारंपरिक तौर पर बिहार का लोक पर्व मानते हैं, लेकिन इस पूजा की शुरुआत आज से 1 हजार साल पहले वाराणसी से ही हुई थी।

काशी के सूरजकुंड में देश का सबसे बेहतर छठ पूजा स्थलपूरे देश में मनाया जाता है यह महापर्व
वाराणसी में गोदौलिया नई सड़क पर सनातन धर्म इंटर कॉलेज के पास स्थित सूरजकुंड तालाब है। शास्त्रों और कई रिसर्च के अनुसार इस कुंड की ज्यामिति देखें तो इसमें सोलर लाइट कुछ इस प्रकार पड़ती है कि सूर्य का प्रकाश सबसे अधिक तीव्रता के साथ आता है। कुंड के पास ही गोल चक्र में एक सूर्य मंदिर है। छठ पूजा करने के लिए आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों तरह से यह देश का सबसे बेहतर स्थान है। मान्यता है कि यहां पर सूर्य की रोशनी में स्नान करने पर कुष्ठ रोग से भी राहत मिलती है।
सूर्यदेव को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 16 नवंबर को दिन में 12:35 बजे लगेगी और व्रत का प्रथम नियम-संयम नहाय खाय 17 नवंबर से शुरू होगा। कार्तिक शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 17 नवंबर को दिन में 11:04 बजे लगेगी। खरना 18 नवंबर को होगा। कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 18 नवंबर शनिवार को सुबह 9:19 बजे लगेगी। 19 नवंबर यानी रविवार को व्रत के तृतीय संयम के तहत शाम को अस्त होते हुए सूर्य को प्रथम अर्घ्य अर्पित किया जाएगा। कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 19 नवंबर को सुबह 7:24 मिनट पर लगेगी। 20 नवंबर सोमवार को उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करने के बाद व्रत का पारण किया जाएगा।
पूरे देश में मनाया जाता है यह महापर्व
अस्सी घाट के तीर्थ पुरोहित बलराम मिश्रा ने बताया कि छठ पूजा को महापर्व कहा जाता है। क्योंकि इस पर्व को आस्था और श्रद्धापूर्वक किया जाता है। यही कारण है कि आज तेज से लेकर विदेश में भी छठ पूजा मनाई जाती है। छठ पर्व में साफ सफाई के नियमों का विशेष पालन करना होता है। छठ पर्व करने से घर पर सुख शांति आती है। इस व्रत से संतान और सुहाग की आयु लंबी होती है।