Varanasi News : वाराणसी में ज्ञानवापी मामले में बयानबाजी पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी सहित 2000 अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग पर आज सुनवाई टल गई है। अदालत ने 20 दिसंबर की तारीख नियत की है। बताया जा रहा है कि अधिवक्ता सुरेन्द्र नाथ दूबे के निधन से शोक प्रस्ताव के कारण सुनवाई टल गई। यह याचिका अधिवक्ता हरिशंकर पाण्डेय की तरफ से दाखिल की गई है। नियत अगली तारीख को वाराणसी के अपर सत्र न्यायाधीश नवम विनोद यादव केस की सुनवाई करेंगे।

जानिए क्या है मामला ?
हरिशंकर पांडेय ने कोर्ट में अधिवक्ता आरपी शुक्ल,अजय प्रताप सिंह, घनश्याम मिश्र के जरिये कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर आरोप लगाया था कि ज्ञानवापी परिसर में नमाजियों की ओर से वजूखाने में हाथ-पैर धोए जाते हैं और गंदगी फैलाई जाती है। जबकि वह स्थान हमारे अराध्य भगवान शिव का स्थान है। यह हिंदू समाज के लिए अपमानजनक है। इसके साथ ही सर्वे में मिले शिवलिंग को लेकर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आदि ने ज्ञानवापी प्रकरण पर बयान देकर हिंदुओं की भावनाओं पर कुठाराघात किया है।