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Manipur Unrest: मणिपुर के हिंसा प्रभावित हिस्सों में रविवार सुबह कर्फ्यू में कुछ घंटों की ढील दिए जाने के साथ ही आम जनजीवन को पटरी लाने की कोसिस की जा रही है. वहीं, सेना के ड्रोन और होलीकॉप्टर हवा में गश्त लगाकर क्षेत्र पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. अधिकारियों ने बताया कि हिंसा प्रभावित चुराचांदपुर इलाके में सुबह सात से 10 बजे के बीच कर्फ्यू में ढील दी गई और इस दौरान खाद्य पदार्थ, दवाइयां व अन्य जरूरी सामान खरीदने के लिए लोग बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकले. अधिकारियों के मुताबिक, सुबह 10 बजे कर्फ्यू में ढील की मियाद खत्म होने के बाद सेना और असम राइफल्स के जवानों ने शहर में फ्लैग मार्च किया. हिंसा प्रभावित राज्य में सेना के 120 से 125 ‘कॉलम’ की तैनाती की गई है

चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी
गौरतलब है कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से बुधवार को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी. नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की ओर से इस मार्च का आयोजन मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने राज्य सरकार को मेइती समुदाय की एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने का निर्देश देने के बाद किया गया था।

हिंसा की चिंगारी कैसे भड़की

मैतेई ट्राइब यूनियन पिछले एक दशक से मैतेई को आदिवासी दर्जा देने की मांग कर रही है। इसी सिलसिले में उन्होंने मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 19 अप्रैल को 10 साल पुरानी केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय की सिफारिश प्रस्तुत करने के लिए कहा था। इस सिफारिश में मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा देने के लिए कहा गया है। इससे आदिवासी भड़क गए।

महाराष्ट्र के छात्रों को मदद

मणिपुर: एनआईटी मणिपुर में महाराष्ट्र के कई छात्र पढ़ाई करते हैं. अब इन छात्रों की मदद के लिए महाराष्ट्र राज्य सरकार ने तत्काल मदद के कदम उठाए हैं. दरअसल, स्थानीय तनाव से एनआईटी मणिपुर में पढ़ने वाले छात्र बेहद परेशान थे. इसी के चलते उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने छात्रों से फोन पर चर्चा की और उन्हें आश्वस्त किया और उन्हें हर संभव मदद देने का वादा किया है. फडणवीस ने छात्रों से बातचीत करने के तुरंत बाद मणिपुर सरकार से संपर्क किया और स्थिति की जानकारी ली 

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