नई दिल्ली: इंडियन मीटियरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (आईएमडी) ने केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत में थोड़ी देरी होने का पूर्वानुमान व्यक्त करते हुए मंगलवार को कहा कि इसके 5 जून तक दस्तक देने की संभावना है. दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रूप से 1 जून को केरल में प्रवेश करता है. इसके साथ ही देश में मानसून (बारिश के मौसम) की आधिकारिक शुरुआत मानी जाती है। इसमें आमतौर पर लगभग सात दिनों की देरी या जल्दी शामिल होती है. मौसम विभाग कार्यालय ने एक बयान में कहा, “इस साल केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन में थोड़ी देरी होने की संभावना है. केरल में मानसून के 5 जून को पहुंचने की संभावना है.” दक्षिणी राज्य में मानसून पिछले साल 2022 में 29 मई, 2021 में तीन जून और 2020 में एक जून को पहुंचा था.
इस साल सामान्य बारिश का अनुमान
इस साल मानसून के सामान्य रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने बीते महीने यह जानकारी दी थी। अगर बारिश सामान्य रहती है तो देश में फूड ग्रेन प्रोडक्शन भी नॉर्मल रहेगा। यानी इससे महंगाई से राहत मिल सकती है। देश में किसान आमतौर पर 1 जून से गर्मियों की फसलों की बुआई शुरू करते हैं। ये वो समय होता है जब मानसून की बारिश भारत पहुंचती है। फसल की बुआई अगस्त की शुरुआत तक जारी रहती है।
खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता में योगदान
वर्षा सिंचित कृषि भारत के कृषि परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण घटक है, जिसमें शुद्ध खेती क्षेत्र का 52 प्रतिशत इस पद्धति पर निर्भर है. यह देश के कुल खाद्य उत्पादन का लगभग 40 प्रतिशत है, जो इसे भारत की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनाता है
अगले सात दिनों तक पारा चढ़ेगा पर हीटवेव की उम्मीद नहीं
मई के पहले पखवाड़े में पश्चिमी विक्षोभ के कारण लू की स्थिति कम गंभीर थी। इस वक्षोभ ने उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों को प्रभावित किया था। चूंकि अगला पश्चिमी विक्षोभ उत्तर-पश्चिम भारत की ओर बढ़ रहा है, इसलिए अगले 7 दिनों तक इन इलाकों में हीटवेव की स्थिति की उम्मीद नहीं है। हालांकि इस दौरान तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने यह बात कही है।