Varanasi: वाराणसी समेत आसपास के जिलों में भीषण गर्मी की मार से लोग बेहाल हो रहे हैं। वाराणसी में रविवार इस साल का सबसे गर्म दिन रहा। वहीं, आज सोमवार सुबह 7 बजे से निकली चिलचिलाती धूप बर्दाश्त नहीं हो रही है। सुबह 8 बजे तक वाराणसी का तापमान 31 डिग्री से ज्यादा था। दोपहर में चिलचिलाती धूप के कारण सड़कें धधक रही हैं, हवा 11 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चल रही है। हवा में नमी 63% दर्ज किया गया। रविवार को वाराणसी में पारा सामान्य से 3 डिग्री ज्यादा 43.6 डिग्री तक चला गया था। ज्यादातर लोग घर से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं। जो निकल भी रहे हैं, उनकी इस कड़ी धूप में हालत पस्त हो जा रही है।
गर्मी से राहत के आसार नहीं
इससे पहले 21 मई 2017 को अधिकतम तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस था। रविवार इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा है। इसका असर जनजीवन पर भी पड़ा है। दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा सा दिखा। जो भी सड़कों में दिखा, वह मुंह में कपड़ा बांधे मिला। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, आज और मंगलवार का तापमान 44 डिग्री को पार कर जाएगा। मौसम विज्ञान विभाग के द्वारा दो दिन के बाद बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
तेज धूप की वजह से सड़कों और जमीन की सतह तवे की तरह से तप रहा है। गर्मी की वजह से शहर की इलेक्ट्रिसटी पर लोड बढ़ गया है। घरों में 24 घंटे एसी, कूलर और फ्रिज चल रहे हैं। इससे दूर होना किसी को रास नहीं आ रहा है। बाहर निकलने पर हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है।
हीट स्ट्रोक की पहचान ऐसे करें
पसीना आना, शारीरिक तापमान 105 फारेनहाइट या उससे अधिक, उल्टी आना, बेहोशी आना, थकान, कमजोरी, चक्कर आना, मांसपेशियों में जकड़न, सिरदर्द आदि। यदि ऐसे लक्षण लगातार देखने को मिल रहे हैं तो ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
इन बातों का रखें ध्यान
- – सिर ढककर ही घर से बाहर निकलें।
- – दिन के 12 से 3 बजे तक हो सके तो धूप में न निकलें। सूरज के सीधे संपर्क में आने से बचें।
- – शरीर में पानी की मात्रा कम न होने दें। कम से कम पांच लीटर पानी जरूर पीएं।
- – धूप से घर आने के बाद तुरंत फ्रीज का पानी पीने से बचें।
- – अधिक प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों के प्रयोग से यथासंभव बचें तथा बासी भोजन का प्रयोग न करें।
- – तेल व मसालायुक्त भोजन से परहेज करें। मौसमी, फल व सब्जी का सेवन करें।
- – अधिक गर्मी वाले समय में खाना बनाने से बचें।
- – बच्चों, वृद्धजनों और पालतू जानवरों को खड़ी और बंद गाड़ियों में न छोड़ें।
- – पेट संबंधी दिक्कतें बढ़ेंगी। डॉक्टर की सलाह से ही दवाइयां लें।