वाराणसी के दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के बंगाली टोला के मुंशी घाट पर स्थित एक मकान में तीन शव मिलने की खबर से सनसनी फैल गई। तीनों के चेहरे नीले पड़े थे। मुंह से झाग निकल रहा था। पुलिस को आशंका है कि जहर खाकर तीनों ने आत्महत्या की है। पुलिस ने बताया कि मृतक जनार्दन तिवारी चाय बेचने का काम करते थे। यहां किराए के मकान में अपने दो बेटों और एक आठ वर्षीय नाती के साथ रहते थे। घटना की जानकारी तब हुई जब सबसे छोटा बेटा घाट से घूमकर 7 बजे घर पहुंचा तो कमरा नहीं खुला। वह वहीं सो गया लेकिन जब 10 बजे के बाद उठा तो दरवाजा फिर भी नहीं खुला था, तो उसने मकान मालिक को सूचना दी जिसके बाद पुलिस को जानकारी दी गई।
पुलिस ने दरवाजा खुलवाया, तो मिलीं लाशें
पुलिस के द्वारा कमरे का दरवाजा खोला गया तो जनार्दन, अश्वनी और दीपू एक बेड पर मृत पड़े हुए थे। पुलिस टीम ने घर को घेरे में लेकर फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम बुलाई। तीनों शव को कब्जे में ले लिया। उनको पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। ACP अवधेश कुमार पांडेय ने बताया कि शुरुआती जांच में मामला सुसाइड का लग रहा है। जिस वक्त घटना हुई, उस वक्त घर में कोई नहीं था
कमरे में थाली मिली, जमीन पर सल्फास
DCP काशी आरएस गौतम ने बताया कि जर्नादन मूल रूप से गाजीपुर जिले का रहने वाला है। वो लोग यहां किराए पर लाल जी साहनी के मकान में रहते थे। हमें कमरे में एक थाली मिली हैं। इसमें बचा हुआ भोजन है। देखकर ऐसा लगता है कि तीनों ने इसी थाली में खाना खाया है।
इस थाली के आस-पास जमीन पर कुछ कण मिले हैं। जोकि फोरेंसिक टीम के मुताबिक, सल्फास के हो सकते हैं। उन्हें जांच के लिए भेजा गया है। इनके परिवार के लोगों को गाजीपुर से बुलाया गया है।
एक बेटा बचा, उसको पुलिस ढूंढ रही
चंदलाल मुखर्जी पार्षद ने बताया कि इस घर में 4 लोग रहते थे। इस घटना में एक बेटा बच गया है। ऐसा लग रहा है कि वो झगड़े के बाद घर से चला गया होगा। इसलिए बच गया। लेकिन वो अभी तक घर लौटकर नहीं आया है। पुलिस भी इस बेटे को खोज रही है। उसके सामने आने के बाद इस घटना के बारे में कुछ और पॉइंट सामने आएंगे।