Varanasi News : ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि यानी आज धर्म की नगरी काशी में गंगा अवतरण दिवस, गंग दशहरा साथ मनाया जा रहा है। गंगा के सभी प्राचीन घाटों पर आस्थावान श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं। ज्येष्ठ माह की दशमी तिथि को पड़ने वाले इस पर्व पर कशी में स्नान का विशेष महत्व है। वहीं गंगा पूजन की समितियों की ओर से मां गंगा की आरती के लिए तैयारियां चल रही हैं। आज गंगा दशहरा पर विविध आयोजन होंगे।
10 अंक का आज विशेष महत्व
आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने कहा कि गंगा दशहरा पर 10 अंक का विशेष महत्व माना जाता है। गंगा दशहरा पर जो भी दान किया जाए, उसकी संख्या 10 होनी चाहिए। यही नहीं, पूजा के लिए उपयोग में आने वाली सामग्रियों की संख्या भी 10 हो, तो विशेष शुभ माना जाता है। मान्यता है कि आज गंगा स्नान करने से कई महायज्ञों के बराबर फल की प्राप्ति होती है।

कल होगी निर्जला एकादशी
गंगा दशहरा के बाद कल यानी 31 मई को निर्जला एकादशी मनाई जाएगी। इसे भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी के व्रत से साल भर के समस्त एकादशी के व्रत का फल मिल जाता है। निर्जल और निराहार रहकर भक्तिभाव के साथ पीले वस्त्र पहनने होते हैं। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है। दूसरे दिन व्रत का पारण किया जाता है।

स्वच्छ और निर्मल रखने की खाई सौगंध
काशी के प्रसिद्ध गंगा घाटों पर देर रात से आस्थावान उमड़ने लगे थे। महिलाओं के मंगल गीत से घाट गुज रहे थे। मंगल बेला के समय जैसे ही घाटों पर घंटो का शोर सुनाई दिया आस्थावानों ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाईं और मां गंगा को स्वच्छ और निर्मल रखने की सौगंध खाई।
सुरक्षा के हैं कड़े इंतजाम
काशी में गंगा दशहरा के पर्व के परिपेक्ष्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम के गए हैं। सुरक्षा का नेतृत्व एसीपी दशाश्वमेध स्वयं संभाल रहे हैं। अल सुबह से ही घटाओं पर भ्रमणशील रहकर सभी को घाट के किनारे नहाने और गहरे पानी में न जाने की चेतावनी लगातार लाउड हेलर से पुलिस के जवान दे रहे हैं। इसके अलावा गंगा में एनडीआरएफ, पुलिस और पीएसी के जवान तैनात हैं।