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नई दिल्ली: खुदरा महंगाई दर के घटने की खबर के बाद आज थोक महंगाई दर के भी घटने की खबर आई है. देश के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग व आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने कहा कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मई में घटकर शून्य से 3.48 प्रतिशत नीचे आ गई है. यह इसका तीन साल का सबसे निचला स्तर है. मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, ईंधन और विनिर्मित वस्तुओं के दाम घटने से थोक मुद्रास्फीति नीचे आई है. यह लगातार दूसरा महीना है जबकि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति शून्य से नीचे है. अप्रैल में यह (-) 0.92 प्रतिशत पर थी। मई, 2022 में थोक मुद्रास्फीति 16.63 प्रतिशत पर थी और साल 2020 के जून महीने के बाद ये दूसरी बार सबसे कम लेवल पर आई है. इससे पहले मई, 2020 में थोक महंगाई दर- 3.37 फीसदी पर थी.

क्यों आई थोक महंगाई दर में गिरावट

देश की थोक महंगाई दर में गिरावट के पीछे मुख्य वजह ये रही कि मिनरल ऑयल, बेसिक मेटल्स, फूड आइटम्स, टेक्सटाइल्स के साथ-साथ नॉन-फूड आर्टिकल्स के दाम तो घटे ही हैं. कच्चे तेल और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के साथ नैचुरल गैस, कैमिकल और कैमिकल प्रोडक्ट्स के दाम में भी खासी गिरावट दर्ज की गई है. देश में थोक महंगाई दर के घटने का सीधा असर ब्याज दरों पर भी देखा जा सकता है और लोगों को और अधिक राहत आने वाले समय में मिल सकती है.

किन सेगमेंट की कैसी रही महंगाई दर

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मई में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर घटकर 1.51 फीसदी पर आ गई जो कि अप्रैल में यह 3.54 फीसदी पर थी.

फ्यूल और एनर्जी सेगमेंट की महंगाई दर मई में घटकर -9.17 फीसदी पर आ गई जो कि अप्रैल में 0.93 फीसदी पर थी.

मैन्यूफैक्चरिग प्रोडक्ट्स की महंगाई दर मई में शून्य से 2.97 फीसदी नीचे रही जो कि अप्रैल में -2.42 फीसदी नीचे थी.

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