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Delhi Ordinance : दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े केंद्र सरकार के अध्यादेश से संबंधित बिल आगामी सोमवार (31 जुलाई) को गृह मंत्री अमित शाह संसद में पेश करेंगे. सूत्रों ने बुधवार (26 जुलाई) को ये जानकारी दी. पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को इस बिल को मंजूरी दे दी गई थी. केंद्र की ओर से 19 मई को जारी इस अध्यादेश में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को पलटने का प्रावधान है, जिसने अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग सहित सेवा मामलों में दिल्ली सरकार को कार्यकारी शक्तियां दी थीं.

इस अध्यादेश में दिल्ली, अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप, दमन और दीव तथा दादरा और नगर हवेली (सिविल) सेवा (DANICS) कैडर के ग्रुप-ए अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई और तबादलों के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण स्थापित करने का प्रावधान है.

दिल्ली अध्यादेश का आप सरकार कर रही विरोध
संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में बताया गया था कि इस सत्र के दौरान सरकारी कार्यों की संभावित सूची में 21 नए विधेयकों को पेश और पारित करने के लिए शामिल किया गया है. इस विधेयकों में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 भी शामिल है. दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी इस बिल का मुखर विरोध कर रही है और अन्य विपक्षी पार्टियों को भी इसके खिलाफ लामबंद कर रही है. ऐसे में इस विधेयक को राज्यसभा से पास कराने के लिए सरकार के लिए मशक्कत करनी पड़ सकती है.

अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी दलों से मांगा सहयोग

केंद्र की ओर से अध्यादेश जारी होने के बाद ये मामला फिर से सुप्रीम कोर्ट में गया था. कोर्ट ने इस मामले को 5 जजों की संविधान पीठ को सौंपा है. दिल्ली के सीएम और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने संसद में इस बिल का विरोध करने के लिए विपक्षी दलों से सहयोग मांगा है. 

कांग्रेस समेत कई पार्टियां करेंगी समर्थन

अरविंद केजरीवाल ने समर्थन जुटाने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, एनसीपी चीफ शरद पवार, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन समेत कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की है. कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके समेत कई पार्टियों ने आप का समर्थन करने की बात कही है. 

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