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Varanasi : वाराणसी में कर्बला में ताजिया लेकर जाते शिया और सुन्नी समुदाय के लोग आपस में भिड़ गए। पथराव और मारपीट हुई। इसमें 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। उपद्रवियों ने 12 से ज्यादा गाड़ियां तोड़ डाली हैं। पुलिस की गाड़ियों पर भी जमकर पत्थर बरसाए गए। वाराणसी के जैतपुरा थानाक्षेत्र में 29 जुलाई को हुए शिया-सुन्नी विवाद में शिया समुदाय की ओर से सुन्नी समुदाय के 36 नामजद और 4000 अज्ञात के खिलाफ रविवार को जैतपुरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। सीसी कैमरों की फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग की मदद से सात आरोपियों को चिह्नित करके गिरफ्तार किया गया। आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया। प्रकरण में 22 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उनका सत्यापन भी कराया जा रहा है। शिया समुदाय के लोगों ने आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की मांग की है।

पथराव होते ही भागने लगे थे पुलिसकर्मी

दोषीपुरा इलाके में शनिवार के पथराव का दौरान एक वीडियो रविवार को वायरल हुआ। वायरल वीडियो में पुलिसकर्मी दोषीपुरा इलाके में भीड़ के साथ खड़े थे। इस दौरान कई लोग हाथों में कुर्सियां लेकर हंगामा कर रहे थे। अचानक पथराव शुरू हुआ तो पुलिस कर्मी मौके से भागने लगे। हालांकि, वीडियो की आधिकारिक पुष्टि अमर नहीं है।

दोषीपुरा मैदान में लगे सीसी कैमरे भी क्षतिग्रस्त

दोषीपुरा मैदान में लगे सीसी कैमरे भी उपद्रव के दौरान क्षतिग्रस्त किए गए थे। उनके तार काटे गए। उपद्रवियों की मंशा थी कि पथराव के साक्ष्य पुलिस-प्रशासन को नहीं मिलनी चाहिए। हालांकि, रविवार को पुलिस की मौजूदगी में सभी सीसी कैमरे ठीक कराए गए। नए कैमरे भी लगे। जो तार काटे गए थे, उसे ठीक कराए गए।

नई परंपरा का शियाओं ने किया विरोध

जैतपुरा थाना क्षेत्र के दोषीपुरा मैदान से शिया समुदाय के लोग ताजिया सदर इमामबाड़ा लाट सरैया ले जाकर ठंडा करते हैं। शिया समुदाय के अली खान ने बताया, दोषीपुरा इलाके से परंपरागत तरीके से सुन्नी समुदाय की ओर से एक ताजिया निकलता है। शनिवार की शाम सुन्नी समुदाय के परंपरागत ताजिए के अलावा उसके पीछे अन्य इलाकों के ताजियों का जुलूस आ गया।उन्हें समझाया कि नई परंपरा की शुरुआत न करें और ताजियों को उनके कदीमी रास्तों से ही लेकर जाएं। वो लोग नहीं माने, इसके बाद उन्होंने तलवार निकाल ली। इसके साथ ही पत्थर फेंकने शुरू कर दिए।

हर साल तिराहे पर जूलुस का होता है आमना-सामना

शहर के सबसे संवेदनशील इलाके जैतपुरा के दोषीपुरा मोहल्ले में ताजिया जुलूस को लेकर तनातनी की स्थिति हर बार रहती है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि शिया और सुन्नी जुलूस को पुराने रास्ते से ही निकालना चाहते हैं। जहां दोषीपुरा तिराहे पर दोनों आमने-सामने आते हैं। जुलूस की उस राह पर शिया सालों से जुलूस निकालते हैं। इसके साथ ही सुन्नी समुदाय भी हर साल उसी राह से लेकर गुजरता है।

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