Varanasi News : ज्ञानवापी मामले में CM योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बड़ा बयान दिया है। जिससे राजनितिक हलचल बढ़ गयी है ,न्यूज़ एजेंसी एएनआई के पॉडकास्ट में ज्ञानवापी पर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने दो टूक जवाब दे दिया। उन्होंने कहा कि अगर ज्ञानवापी को हम मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। भगवान ने जिसको दृष्टि दी है, वो देखे न। त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है? हमने तो नहीं रखे हैं न। ज्योर्तिलिंग हैं, देव प्रतिमाएं हैं। पूरी दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं। सीएम योगी ने कहा कि मुझे लगता है कि ये प्रस्ताव मुस्लिम समाज की तरफ से आना चाहिए कि ऐतिहासिक गलती हुई है और उस गलती के लिए हम चाहते हैं समाधान हो। ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने ज्ञानवापी के ASI सर्वे पर रोक लगा रखी है। अब इस मामले में कोर्ट 3 अगस्त को फैसला सुनाएगा।
देश संविधान से चलेगा, मत और मजहब से नहीं
इस दौरान एक और अन्य सवाल के जवाब में CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देखिए मैं ईश्वर का भक्त हूं, लेकिन किसी पाखंड में विश्वास नहीं करता। आपका मत, आपका मजहब, अपने तरीके से होगा, अपने घर में होगा। अपनी मस्जिद, अपने इबादतगाह तक होगा। सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं और इसको आप जो हैं किसी भी अन्य तरीके से दूसरे पर थोप नहीं सकते। नेशन फर्स्ट (देश पहले है)। अगर देश में किसी को रहना है तो राष्ट्र को सर्वोपरि मानना है, अपने मत और मजहब को नहीं।

CM योगी के बयान पर सियासत
- ऑल इंडिया मजिलस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा,”जिस मामले पर हाई कोर्ट का फैसला आना है। यूपी सीएम ने उस पर बोलकर कानून के दायरे को लांघा है। वो कानून की इज्जत करें और ऐसे मामलों पर विवादित बातें नहीं करें।”
- सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा- ज्ञानवापी का मामला कोर्ट में है। मैं मस्जिद में मंदिर खोजने वालों को सावधान कर रहा हूं। धर्म के ठेकेदारों ने दलित, पिछड़ों को समय-समय पर अपमानित किया है। लगता है हिन्दू धर्म एक जाति विशेष के लिए बना है। ये दलित, पिछड़ों के लिए बना ही नहीं है।
- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा- ज्ञानवापी एक ऐतिहासिक सच्चाई है। सीएम ने उसे स्वीकार करने की बात कही है। उस स्थान को देखकर जो दिखता है, जो राय है। उन्हीं विषयों पर कहा है। यह देश की आस्था से जुड़ा विषय है। मामला कोर्ट में है। कोर्ट ने सर्वे के लिए कहा है। बहुत सारे लोग सर्वे में व्यवधान डालेंगे। हमें मिलकर काम करना चाहिए।”
- ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के संस्थापक सदस्य मोहम्मद सुलेमान ने कहा- सीएम के बयान से तकलीफ हुई। सीएम को कानून सम्मत बात कहनी चाहिए। 1991 में जो कानून बना उसकी रक्षा करनी चाहिए। सीएम का बयान योगी या फिर पुजारी की तरह दिया गया है। यह बयान एक पक्ष के लिए दिया है। देश क्या वर्ग विशेष की इच्छाओं और धार्मिक आस्थाओं से चलेगा। उन्हें अपने बयान पर पुनर्विचार करना चाहिए।