Varanasi : आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर गुरुवार को पूर्व सांसद और विश्वविद्यालय के छात्रसंघ पदाधिकारी राजेश मिश्रा और पूर्व विधायक और BHU के पूर्व अध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव ने वाराणसी कमिश्नर मुथा अशोक जैन से मुलाकात कर आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ हुए कृत्य पर सख्त एक्शन लेने के साथ 5 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। इस दौरान पूर्व सांसद ने पुलिस कमिश्नर से बीएचयू वीसी को छात्रों के बीच भेज समस्या का समाधान निकालने को कहा।

पुरातन छात्रों का सिर शर्म से झुक गया
इस मौके पर पूर्व सांसद और पुरातन छात्र बीएचयू डॉ राजेश मिश्रा ने कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है और उस कैंपस में एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया यह निंदनीय है और पूरी दुनिया में रहने वाले विश्वविद्यालय के पुरातन छात्रों का सिर इस कृत्य के बाद शर्म से झुक गया। हम लोग भी इसी कैंपस के स्टूडेंट रहे हैं और रात में कभी भी कैंपस में निकल जाते थे चाहे छात्र हों या छात्रा कभी कोई अप्रिय घटना या बात नही हुई पर आज यह आम होता जा रहा है।
प्राक्टोरियल बोर्ड पर सालाना 11 करोड़ खर्च क्यों ?
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए पूर्व सांसद ने BHU एडमिनिस्ट्रेशन पर आरोप लगाया कि सुरक्षा पर करोड़ों खर्च करने के बाद भी विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था सही नहीं है। यही वजह है कि आए दिन छात्राओं के साथ छेड़खानी की घटनाएं सामने आ रही है। वहीं पूर्व सांसद राजेश मिश्रा के साथ प्रतिनिधि मंडल ने छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले पर निंदा व्यक्त किया।
कुलपति और छात्रों में कम्यूनिकेशन गैप बना कारण
राजेश मिश्रा ने कहा कि इसकी मुख्य वजह कुलपति और छात्रों के बिच का कम्यूनिकेशन गैप है। कुलपति को चाहिए कि वो एक अभिभावक की तरह छात्रों से मुलाकात करें और उनका दुःख दर्द समझें। आज हम लोगों ने पुलिस कमिश्नर से मुलाकात करने के बाद भी यही कहा है कि वो वीसी से मिलकर इस कम्यूनिकेशन गैप को खत्म करवाएं और छात्राओं की समस्या को खत्म करें। इस दौरान उन्होंने एक 5 सूत्रीय ज्ञापन भी पुलिस कमिश्नर को सौंपा।