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Varanasi : वाराणसी में वाराणसी-गाजीपुर मार्ग पर बने विशाल साधना केंद्र स्वर्वेद महामंदिर शिल्प और अत्याधुनिक तकनीक के अद्भुत सामंजस्य का प्रतीक है। 64 हजार वर्ग फीट में बन रहे सात मंजिला महामंदिर का निर्माण करीब 20 साल पहले शुरू हुआ था। स्वर्वेद महामंदिर धाम में मई 2017 में 21 हजार कुंडीय स्वर्वेद उत्तरार्द्ध ज्ञान महायज्ञ हुआ था। उस वक्त इसे इतिहास के सबसे विशालतम यज्ञ की संज्ञा भी दी गई थी। गुजरात में जीआरसी तकनीक से बनाए गए नौ गुंबद नौ कमलों की तरह हैं। 

स्वर्वेद महामंदिर के उद्घाटन समारोह में 18 दिसंबर को काशी आ सकते हैं पीएम मोदी

दुनिया के सबसे बड़े मेडिटेशन सेंटर के रूप में स्थापित स्वर्वेद महामंदिर के उद्घाटन समारोह में 18 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी आ सकते हैं। दो दिवसीय उद्घाटन समारोह में देश और दुनिया से तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री के इस संभावित दौरे की सूचना के बाद प्रशासनिक महकमे में तैयारी शुरू कर दी गई है। पीएम मोदी अपने काशी दौरे पर फुलवरिया फोरलेन के साथ ही अमूल प्लांट का भी लोकार्पण करेंगे। इसके साथ ही कई परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे।

मुख्य गुंबद पर 125 पंखुड़ियों का विशालकाय कमल

स्वर्वेद महामंदिर में 100 फीट ऊंची सद्गुरुदेव की सैंड स्टोन की प्रतिमा भी स्थापित की गई है। तीन लाख वर्ग फीट में गुलाबी पत्थरों पर की गई नक्काशी भी खास है। प्राचीन स्थापत्य कला के समन्वय से बने इस दिव्य आध्यात्मिक केंद्र की एक झलक पाने के लिए दुनिया के अनुयायी उत्सुक हैं। मुख्य गुंबद 125 पंखुड़ियों के विशालकाय कमल पुष्प की तरह है। महामंदिर में मकराना पत्थर पर स्वर्वेद के दोहे अंकित हैं। 50 हजार वर्ग फीट पर वाटर जेट तकनीक से पांच हजार दोहे उत्कीर्ण हो रहे हैं। महामंदिर को खूबसूरत बनाने के साथ ही वास्तुशिल्प का भी पूरा ध्यान रखा गया है। पूर्व दिशा में प्रवाहित नहर जल राशि के रूप में स्थापित है।

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