वाराणसी: संदहा से रेवसा तक बन रहा रिंग रोड फेज -2 पैकेज-2 का कार्य अब फरवरी 2024 तक पूरा हो पाएगा। अनुबंध के तहत इसे 14 फरवरी 2022 तक पूर्ण होना था। परियोजना निदेशक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने बताया कि इस परियोजना में फोरलेन निर्माण के अन्तर्गत कुल 27.270 किलोमीटर तक के मध्य सड़क के निर्माण का कार्य परियोजना के संवेदक मेसर्स गेमन इंजीनियर्स एण्ड कान्टैक्टर प्रा. लि. के द्वारा कराया जा रहा है, जिसकी लागत 949 करोड़ है।
परियोजना में तेजी लाने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित
मंडलायुक्त ने परियोजना में तेजी लाने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है। समिति बताएगी कि योजना कितनी समय में पूरी हो जाएगी, योजना को पूरी करने में किन-किन संसाधनों की जरूरत पड़ेगी, क्या समस्या आ रही है, योजना पूरी करने में किस स्तर पर लापरवाही बढ़ती गई, इन सभी बिंदुओं पर समिति जांच कर रिपोर्ट मंडलायुक्त को सौंपी है।परियोजना निरीक्षण में पाया गया कि परियोजना की गति मानकों के अनुरूप नहीं है।
कोरोना और भू अधिग्रहण में देरी से परियोजना एक साल लेट
वर्ष 2019 एवं 2020 में वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रकोप के कारण कांट्रैकटर मे. गेमन इंजीनियर्स एण्ड कॉन्टैक्टर प्रा. लि. भारी वित्तीय क्षति का सामना करना पड़ा, जिसके फलस्वरूप परियोजना का निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है। इसको लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदनोपरान्त एस्क्रौ एकाउंट खोला गया, ताकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा अवमुक्त धनराशि का निवेश शत-प्रतिशत परियोजना के निर्माण कार्य में किया जा सके।
सडक निर्माण हेतु अधिग्रहित भूमि के अलावा कुछ जमीन के गाटों का अधिग्रहण न हो पाने के कारण कार्यदायी संस्था द्वारा निर्माण कार्य करने में समस्या आ रही थी, जिससे निर्माण कार्य की प्रगति धीमी हो गई है।टीम गठित कर प्रभावित कास्तकारों के साथ विचार विमश कर व सडक निर्माण में प्रभावित अतिरिक्त भूमि को आपसी समझौते के तहत क्रय करते हुए साथ ही कुछ स्थानों पर पुनः गजट प्रकाषन के द्वारा भूमि अधिग्रहित कर कार्यदायी संस्था को कार्य करने हेतु उपलब्ध कराया गया, जिससे शेष कार्य भी तेजी से पूरा हो सके।
इस परियोजना के अन्तर्गत मेजर ब्रिज (गंगा ब्रिज) का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है, जिसकी कुल लम्बाई 1472 मीटर है। विगत वर्ष भारी बरसात दर्ज की गई जिससे गंगा नदी में पानी का लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाने के कारण गंगा ब्रिज का निर्माण कार्य बाधित रहा।
वर्तमान में गंगा ब्रिज के निर्माण कार्य 40 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जिसके अन्तर्गत छह लेन ( दोनों तरफ) के सापेक्ष तीन लेन जाने वाले (एक तरफ) पिलर का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा दूसरे तरफ पिलर ढालने का कार्य प्रगति पर है। गंगा ब्रिज निर्माण को ससमय पूर्ण किए जाने के क्रम में इस कार्यालय द्वारा कार्यदायी संस्था को निर्देश जारी किये गए है।
विभिन्न यूटिलिटी के प्रभावित होने तथा शिफ्टिंग में देरी के कारण परियोजना प्रभावित हुई है। परियोजना कि किलोमीटर 52.190 पर आईओसीएल पाइपलाईन क्रास कर रही है, जिसके शिफ्टिंग के लिए आईओसीएल को धनराशि दो फरवरी, 2022 को जमा किया गया है। आईओसीएल द्वारा पाइपलाईन को स्थानांतरित नहीं किया जा रहा था, जिसमें इस कार्यालय द्वारा कई पत्राचार तथा एमओयू किए जाने के उपरान्त स्थानांतरित किये जाने की कार्यवाही आईओसी एल द्वारा अभी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि परियोजना के किमी० 31.950 किमी. 36.130 व किमी. 37.010 पर यूपीपीटीसीएल की हाईटेंशन लाईन प्रभावित हो रही है, जिससे स्थानांतरण हेतु वांछित धनराशि इस कार्यालय द्वारा जमा कर दिए जाने के उपरान्त भी हाईटेंशन लाइन के स्थानांतरण का कार्य पूरा नहीं हो सका है। उक्त समस्या के निस्तारण हेतु प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए उक्त लाइन का स्थानांतरण करने का प्रयास किया जा रहा है।
प्लान एवं प्रोफाईल चेंज होने के कारण परियोजना की गति प्रभावित के संबंध में उन्होंने बताया कि पूर्व में परियोजना में प्रस्तावित गंगा ब्रिज की कुल लम्बाई 1472 मीटर था, जिसमें आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन करते हुए दोनों तरफ वायडक्ट जोड़ते हुए अप्रोच बनाने के कारण प्लान एवं प्रोफाईल संशोधन किया गया है, ब्रिज का प्लान एवं प्रोफाईल संशेधित करने के बाद गंगा ब्रिज की कुल लम्बाई बढ़कर (1472+290) 1762 मीटर हो गई है, जिसके कारण परियोजना में विलंब हो रहा है।