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India-China Border: चीन, भारत के लिए लगातार खतरा पैदा करता रहा है, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के बाद अब चीन उत्तराखंड से सटी सीमा पर निर्माण कार्य कर रहा है। बताया जा रहा है कि चीन उत्तराखंड से सटी सीमा के नजदीक गांवों का निर्माण कर रहा है. साथ ही ये भी कहा गया है कि चीन के ये गांव सीमा से बेहद नजदीक हैं, इनकी दूरी भारतीय सीमा से महज 11 किमी बताई गई है. चीन आगे भी इस तरह के निर्माण करने की योजना बना रहा है. इससे पहले चीन ने लद्दाख और अरुणाचल के नजदीक भी निर्माण शुरू किया था.

सीमा पर चीन बना रहा गांव
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने उत्तराखंड से सटी सीमा के नजदीक करीब 55-56 घरों का निर्माण किया है, हालांकि इनकी दूरी करीब 35 किलोमीटर है. ये सभी गांव पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की निगरानी में रहते हैं. इसके अलावा सीमा से करीब 11 किमी की दूरी पर भी गांव बसाना शुरू कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक चीन सीमा से सटे पूर्वी सेक्टर में 400 गांव बसाने की योजना बना रहा है. जिससे वो सीमा पर अपनी पैठ को और ज्यादा मजबूत कर रहा है.

चीन की पूर्वी सेक्टर में 400 गांव बसाने की योजना

खबर के मुताबिक, चीन पूर्वी सेक्टर में 400 गांव बसाने की योजना पर काम कर रहा है।इससे पहले चीन उत्तराखंड से सटे LAC से करीब 35 किलोमीटर दूर 55-56 घरों के निर्माण में भी शामिल रहा है। ये घर सीधे चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की निगरानी में रहते हैं।ये घर सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। इनका इस्तेमाल आम नागरिकों के रहने की बजाय सैन्य गतिविधियों के लिए किया जाता है।

पलायन के चलते खाली हो रहे गांव 
उत्तराखंड चीन के साथ करीब 350 किलोमीटर की सीमा साझा करता है. उत्तराखंड में पलायन पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ रहा है, सीमावर्ती गांव रोजगार और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में लगातार खाली हो रहे हैं. जिसका नुकसान रणनीतिक तौर पर भारत को उठाना पड़ सकता है. वहीं इसके उलट चीन लगातार अपने लोगों को सीमा के पास बसाने का काम कर रहा है. चीन के ये गांव सभी सुविधाओं से लेस हैं. हालांकि भारत की तरफ से भी लगातार कोशिश हो रही है कि चीनी सीमाओं से सटे गांवों में लोगों को फिर से बसाने का काम किया जाए. 

चीन ने डोकलाम के पास किया था 1,000 घरों का निर्माण

अप्रैल में डोकलाम के पास भूटान की अमोचू नदी के पास करीब 1,000 अस्थायी घरों और नेटवर्क टॉवर का निर्माण किया था।ये इलाका भारत, चीन और भूटान के बीच एक तिराहे के समान है। यहां से भारत का सिलीगुड़ी गलियारा चीन की सीधी निगरानी में आ सकता है।तब भारत ने इस निर्माण कार्य पर चिंता जताई थी। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना था कि डोकलाम में निर्माण से चीन को सामरिक लाभ मिलेगा।

नीती दर्रे के पास नया कैंप भी बसा रहा चीन

चीनी सेना उत्तराखंड के नीती दर्रे के नजदीक कैंप का निर्माण भी कर रही है। चीन की PLA इस इलाके में रोड का निर्माण करने के साथ-साथ हेलीपैड भी बना रही है।ये क्षेत्र उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से सटी LAC के पास है। नीती दर्रे के सारंग और पोलिंग जिंद में हेलीपैड्स तैयार किए जा रहे हैं।बता दें कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद से ही नीती दर्रा बंद है।

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